कुरारा हमीरपुर। विकास खण्ड क्षेत्र के झलोखर गांव स्थित प्राचीन भुवनेश्वरी भुइँयारानी मंदिर में आषाढ़ मास के तीसरे रविवार को मेला आयोजित किया गया वहीं देवी मंदिर में भक्तों ने पूजा अर्चना की तथा मंदिर परिसर में भौरियाँ बनाकर पूजा अर्चना के बाद प्रसाद ग्रहण किया इस दौरान कई प्रदेशों व गांव क्षेत्र के भक्तों की भीड़ एकत्रित रही
विकास खण्ड क्षेत्र के झलोखर गांव में प्राचीन माँ भुवनेश्वरी भुइँयारानी का मंदिर स्थित है इस मंदिर में वर्ष भर प्रत्येक रविवार को भक्तों का आवागमन रहता है यहां की ऐसी मान्यता है कि वात ,गठिया रोग में इस मंदिर की मिट्टी के लेपन करने से दूर हो जाता है। कई प्रदेशों के लोग यहां आते हैं मंदिर में कुम्हार बिरादरी के पुजारी हैं वहीं ग्राम निवासी निर्भय दास प्रजापति ने बताया कि आषाढ़ मास में इस मंदिर की महत्ता बढ़ जाती है तथा प्रत्येक रविवार को ब्लाक क्षेत्र के गांवों के लोग मंदिर परिसर में आग के उपले में भौरियाँ बनाकर खाते हैं तथा मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं वहीं ग्राम के बालेन्द्र सिंह ने बताया कि इस मंदिर की रज (मिट्टी) का महत्व विशेष हो जाता है इस मिट्टी में औषधीय तत्व पाए जाते हैं जिसमे हाथ पैर में होने वाले बात,गठिया रोग में राहत मिलती है इस मंदिर ख्याति दूर दूर तक है। अन्य जनपद व अन्य प्रान्त के लोग आकर शनिवार की रात मंदिर में रुकते हैं तथा रविवार को सुबह पूजा अर्चना करते हैं मंदिर के बाहर मेले का आयोजन होता है जिसमे महिलाओं ने रोजमर्रा के सामान की खरीददारी की सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्र रही वहीं भुइँयारानी मंदिर व मेले का वर्णन 1854 के ब्रिटिश गजेटियर में भी उल्लेख है