कथित तौर पर पाठक के समर्थकों द्वारा 1090 चौराहे पर लगाए गए पोस्टरों में सपा प्रमुख
अखिलेश यादव से माफी मांगने की मांग की गई है और पाठक के खिलाफ सपा के
आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी की निंदा की गई है।
समाजवादी पार्टी (सपा) और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के बीच तनाव बढ़
गया है। लखनऊ में ‘अखिलेश यादव माफ़ी मांगो’ लिखे कई पोस्टर आज दिखाई दे रहे हैं।
कथित तौर पर पाठक के समर्थकों द्वारा 1090 चौराहे पर लगाए गए पोस्टरों में सपा प्रमुख
अखिलेश यादव से माफी मांगने की मांग की गई है और पाठक के खिलाफ सपा के
आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल द्वारा की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी की निंदा की गई है।
इस बीच, एक्स पोस्ट पर, यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने एक पूर्व प्रश्न के उत्तर में
सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया का मजाक उड़ाया है, आरोप लगाया है कि सपा
नेता ने एक खराब तरीके से तैयार की गई “थीसिस” का सहारा लिया है, जो राजनीति
विज्ञान को गृह विज्ञान के साथ भ्रमित करती है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि अखिलेश
यादव जी, आपने मेरे सवाल के जवाब में अपनी टीम से लंबी चौड़ी थीसिस लिखवा दी
और सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर दी। पर मेरी आपको सलाह है कि बच्चों से लिखवाई
इस तरह की थीसिस को पोस्ट करने से पहले एक बार पढ़ जरूर लिया करें।
समाजवादी पार्टी और ब्रजेश पाठक के बीच बढ़ा तनाव
नहीं दिया होगा और आपने आदतन पढ़ा नहीं होगा। इस चक्कर में आपसे गलती ये हो
गई कि पर्चा राजनीतिक विज्ञान का था और आपने जवाब होम साइंस वाली कुंजी से टीप
दिया। उन्होंने आगे कहा कि मैं तो आपसे आपकी पार्टी के डीएनए के बारे में पूछ रहा हूं
अखिलेश जी। अगर निरूत्तर हो गए हों तो क्षमा मांग लीजिए और बात खत्म करिए।
जवाब नहीं होने पर गलती मान लेना एक स्वस्थ परंपरा की निशानी है। बार बार गोल
पोस्ट बदलकर समाजवादी पार्टी के डीएनए वाले मेरे सवाल से बचने की इस छटपटाहट
में तो आप और भी एक्सपोज हुए जा रहे हैं। आखिर समाजवादी पार्टी के डीएनए वाले
सवाल से इतने डरे-सहमे क्यों हुए हैं आप? अखिलेश ने एक्स पर लिखा था कि हमने उप्र
के उप मुख्यमंत्री जी की टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए, पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाने
की बात कही है जो समाजवादियों के डीएनए पर दी गयी आपकी ‘अति अशोभनीय टिप्पणी’
से आहत होकर अपना आपा खो बैठे। आइंदा ऐसा न हो, हमने उनसे तो ये आश्वासन ले
लिया है लेकिन आपसे भी यही आशा है कि आप जिस तरह की बयानबाज़ी निंरतर करते
आये हैं उस पर भी विराम लगेगा। आप जिस स्तर के बयान देते हैं वो भले आपको अपने
व्यक्तिगत स्तर पर उचित लगते हों लेकिन आपके पद की मर्यादा और शालीनता के पैमाने
पर किसी भी तरह उचित नहीं ठहाराये जा सकते हैं ।