सशस्त्र बलों से भी की बात पाकिस्तान को चेताया

सशस्त्र बलों से भी की बात पाकिस्तान को चेताया
सशस्त्र बलों से भी की बात पाकिस्तान को चेताया

मनोज सिन्हा ने कहा कि आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं

और कुछ ही दिनों में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना चाहते हैं। हम विकसित

भारत का सपना लेकर आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन हमारा पड़ोसी कर्ज के बल पर

मानवता को नष्ट करने पर तुला हुआ है।जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

ने सशस्त्र बलों के सदस्यों के साथ बातचीत की। इससे पहले आज उन्होंने तंगधार

सेक्टर में सीमावर्ती क्षेत्र का दौरा किया और पाकिस्तान की ओर से सीमा पार से की

गई गोलाबारी से हुए नुकसान का आकलन किया। इस दौरान मनोज सिन्हा ने कहा

कि पूरी दुनिया ने भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी देखी है और फिर वो (पाकिस्तान)

पूरी दुनिया में गिड़गिड़ाने लगा। हम कभी भी युद्ध के पक्ष में नहीं रहे हैं। हम शांति से रहना चाहते हैं।

सशस्त्र बलों से भी की बात पाकिस्तान को चेताया

मनोज सिन्हा ने कहा कि आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और

कुछ ही दिनों में चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना चाहते हैं। हम विकसित भारत

का सपना लेकर आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन हमारा पड़ोसी कर्ज के बल पर मानवता को

नष्ट करने पर तुला हुआ है। मुझे लगता है कि दिए गए जवाब से उन्हें सबक मिला

होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में ऐसा कुछ भी नहीं है जो भारतीय सेना की पहुंच

से बाहर हो… मैं फिर से आपके शौर्य, पराक्रम और माँ भारती के प्रति समर्पण को नमन

करता हूँ और ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि जब भी ऐसा संकट आए तो देश को पता चले

कि हमारा देश आप जैसे वीरों के सुरक्षित हाथों में है। भारत माता की जय। मनोज

सिन्हा ने गोलाबारी से हुए नुकसान का आकलन करने के बाद कहा कि प्रतिकूल गोलाबारी

के कारण यहां कई घर और व्यावसायिक संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। आज मैंने एक वरिष्ठ

प्रशासनिक अधिकारी के साथ उन जगहों का दौरा किया, स्थिति को अपनी आंखों से देखा

और लोगों से बातचीत करके उनकी समस्याओं को समझा। प्रशासन के आकलन के आधार

पर, संभव तत्काल सहायता प्रदान की गई है। कुछ लोगों का पुनर्वास किया जाना बाकी है।

लेकिन मुझे लगता है कि यह मदद पर्याप्त नहीं है। डिवीजनल कमिश्नर कश्मीर और वरिष्ठ

अधिकारी मिलकर हुए नुकसान के लिए एक व्यापक योजना तैयार करेंगे। इसके आधार

पर हम भारत सरकार से अनुरोध करेंगे, और बचे हुए लोगों का पुनर्वास करेंगे।

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