आनलाईन गेम के चलते बुझा एक और घर का चिराग

मुस्करा हमीरपुर।देश मे सरकार को ऑनलाइन गेमिंग इंड्रस्टी से भले ही करोड़ो की कमाई हो रही हो पर इस खेल से देश के युवा पीढ़ी का भविष्य अंधकार मय तथा मौत को भी दावत दे रहा है।ऐसी कमाई औऱ खजाने की तिजोड़ी भरने से कोई लाभ नही होता जिससे कि देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो। सरकार को ऐसे ऑनलाइन गेमिंग इंड्रस्ट्री के गेमों व लूडो को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर देना चाहिए।देश मे लाखो बच्चों को इन मनोरंजन के ऑनलाइन गेमों की लत ऐसी लगी है कि वह समूचे दिवस अपने मोबाइल पर लूडो गेम्स से मनोरंजन करते अक्सर देखे जाते है औऱ यही गेम्स कब जुए में तब्दील हो जाते है उन्हें पता ही नही लगता।जो युवा पीढ़ी के बच्चे किताबे औऱ कांपी के जरिये अपना भविष्य लिखते है वही देश के भविष्य मोबाइल के जरिये इन लोकलुहावने मनोरंजन नुमा ऑनलाइन गेमिंग इंड्रस्टी के जाल में फस कर अपने भविष्य के सूरज को डुबोने में लगे है।अभिभावकों के लिए रोना तो तब होता है जब मोबाइल पर खेल रहे गेम्स को खेलने से मना करने व डांट फटकार करने पर यह बच्चे आत्महत्या कर अपना जीवन समाप्त कर लेते है।यह तो स्वभाविक है कि जब अभिभावकों के बच्चे गलत दिशा में जाते है तो डॉट फटकार लगाना कोई गलत नही है।ऐसे ही एक मामले में गेम्स खेल रहे बच्चे को मना करने से आहत हो क्लास 6 के नाबालिक जवाहर नवोदय विद्यालय के लगभग 13 वर्षीय एक छात्र ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या कर ली।
मामला जनपद के मुस्करा कोतवाली क्षेत्र के ग्राम पहाडी भिटारी का है जहाँ के मूल निवासी मनोज कुमार राजपूत का लगभग 13 वर्षीय पुत्र नैतिक ने अपनी मेहनत व लगन से पढ़ाई कर केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित जवाहर नवोदय विद्यालय की परीक्षा में अच्छे अंक ला क्लास 6 में प्रवेश लिया था।विद्यालय में एक वर्ष शिक्षा ग्रहण करने व परीक्षा उपरांत ग्रीष्म काल की छुट्टी में वह अपने घर आया था।बीते दो दिवस पूर्व सोमवार की शाम वह अपने घर पर मोबाइल के जरिये ऑनलाइन गेम्स खेल रहा कि तभी उसकी मां ने देख उसे गेम्स खेलने से मना किया तथा उसे पढ़ाई करने को कहा।दूसरे दिवस पूर्वाह्न मंगलवार के रोज जब उसकी मां ,पिता मनोज व दादा पृथ्वीराज मास्टर खेत मे पशुओं के लिए बने मकान व खेत पर कार्य करने गए तभी देर अपराह्न जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र नैतिक ने गेंहू में रखी सल्फास की गोली को निकाल कर खा लिया,जिससे उसकी तबियत बिगड़ने लगी ।खेत से लौट जब उसके दादा पृथ्वीराज घर आये और बच्चे की हालत नाजुक देख उसके पिता मनोज को फोन से बुला आनन फानन में नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया हालत गंभीर होने पर उसे डियूटी में तैनात डॉक्टरों ने मेडिकल कालेज उरई रेफर कर दिया।वहाँ भी हालत में सुधार न होते देख मेडिकल कालेज के डॉक्टरों द्वारा देर शाम झांसी रेफर करने के दौरान उसकी मौत हो गयी। बताया जा रहा है मनोज का पुत्र नैतिक इकलौती संतान थी।इस घटना से परिजनों व समूचे गांव में शोक की लहर ब्याप्त है।सोचनीय बात तो यह है कि इस ऑनलाइन गेम्स की लत ने देश का एक भविष्य छीन लिया तो वही एक माता पिता की गोद को सुना भी कर दिया।सोचनीय बात तो यह भी है कि आखिर ऐसे ऑनलाइन गेमिंग इंड्रस्ट्री के गेमों पर आखिर सरकार प्रतिवन्धित क्यों नही करती जिससे देश का भविष्य अंधकार में जा इन बच्चों के भविष्य को बर्बाद कर रहा हो।ग्रामीणों ने ऐसे गेम्सो को तत्काल प्रतिबंधित करने की सरकार से अपील की है।वैसे सरकार को ऐसी घटनाओं से सबक ले ऐसे कंपनियों के गेम्सो पर शिकंजा कस प्रतिबंधित कर देना चाहिए।

फोटो-फाईल फोटो मृतक छात्र

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