हजारीबाग-
हजारीबाग में मंगलवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में कांग्रेस पार्टी सदर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी सह नगर प्रभारी मुन्ना सिंह ने केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया। उनका वक्तव्य केवल राजनीतिक आरोप नहीं था, बल्कि जनसरोकारों की गूंज थी। उस जनता की, जो बिजली के बिना अंधेरे में जी रही है, और शिक्षा के अभाव में भविष्य से वंचित होती जा रही है। प्रेस वार्ता मे मुन्ना सिंह ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस ज़िले की धरती से देशभर के ताप विद्युत संयंत्रों के लिए प्रतिदिन हज़ारों टन कोयला भेजा जाता है। वहीं की स्थानीय आबादी को आज बिजली के लिए तरसना पड़ रहा है। गांवों में सूरज ढलते ही अंधेरा पसर जाता है, बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे,अस्पतालों में मरीज जनरेटर के भरोसे हैं, और छोटे कारोबारी रातों को दुकानों के शटर बंद करने को विवश हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल एक प्रशासनिक असफलता नहीं, बल्कि एक संरचनात्मक अन्याय है। हम कोयला दे सकते हैं तो रोशनी भी मांग सकते हैं, और अगर रोशनी नहीं देंगे तो कोयला भी नहीं मिलेगा।मुन्ना सिंह ने आगे कहा कि यह समझने की ज़रूरत है कि बिजली अब केवल सुविधा नहीं रही, बल्कि जीवन, शिक्षा और रोज़गार का बुनियादी आधार बन चुकी है। जब देश के अन्य हिस्सों में 24 घंटे बिजली दी जा सकती है, तो झारखंड के कोयलांचल क्षेत्र को यह हक़ क्यों नहीं दिया जाता। सिर्फ इसलिए कि यहां की आवाज़ संसद की दीवारों तक नहीं पहुँचती है। उन्होंने केंद्र सरकार से जवाबदेही की मांग करते हुए कहा कि अगर एक सप्ताह के भीतर बिजली की स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो जनता कोयला परिवहन को रोकने पर बाध्य होगी। प्रेस वार्ता के दूसरे हिस्से में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत झारखंड में अंगीभूत महाविद्यालयों से इंटरमीडिएट शिक्षा को हटाने के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि यह निर्णय न तो शिक्षा के अधिकार की भावना के अनुरूप है, न ही सामाजिक न्याय की अवधारणा के। दशकों से हजारीबाग के विद्यार्थी सरकारी कॉलेजों जैसे अन्नदा कॉलेज और के.बी. विमेन्स कॉलेज, पर निर्भर रहे हैं। अब इन कॉलेजों में इंटर नामांकन पर रोक लगाने से एक पूरी पीढ़ी को अकाल शिक्षाबंदी की ओर धकेला जा रहा है। उन्होंने विशेष चिंता हजारीबाग की बेटियों को लेकर जताई। के.बी. विमेन्स कॉलेज जैसा एकमात्र सरकारी महिला संस्थान जहां छात्राएँ सुरक्षित वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर रही थीं, अब प्रवेश की सीमाओं और संसाधनों की कमी से चरमराने लगा है। जब अन्य संस्थानों में प्रवेश ही बंद हो जाए, तो बेटियों के पास विकल्प ही क्या रह जाएग और क्या शिक्षा केवल उन तक पहुँचेगी जो बीस-पच्चीस हज़ार रुपये की निजी फीस दे सके।प्रेस वार्ता मे शशि मोहन सिंह प्रदेश प्रतिनिधि विरेन्द्र कुमार सिंह जिला मीडिया अध्यक्ष निसार खान महानगर अध्यक्ष मनोज नारायण भगत महासचिव ओमप्रकाश झा सहकारिता विभाग के अध्यक्ष कृष्णा किशोर प्रसाद महानगर महासचिव बबलू सिंह विक्की कुमार सहित अन्य मौजूद थे ।