कोयला का अवैध उत्खनन रोकने में प्रशासन है विफल।

हजारीबाग चरही इन दोनों कोयले की अवैध कारोबार चरम सीमा पर है दर्जनों अवैध कोयले का डिपो संचालित किया जा रहा है झारखंड से बाहर के लोग भी आकर चरही थाना क्षेत्र में अपना अवैध कोयले का कारोबार करने के लिए बसेरा बने हुए हैं कुछ युवा स्थानीय लोगो शामिल भी हैं अवैध उत्खनन में सरकार के राजस्व की घटा हो रही है फिर भी चरही थाना ना कामयाब है मोटरसाइकिल और साइकिल से एवं ट्रैक्टर से डंप किया जाता है सस्ता दर से कोयले खरीदा जाता है और मांगा दर डेहरी बनारस माफिया द्वारा बेचा जाता है चरही रेलवे सेटिंग एक कबाड़ी दुकान खोल कर रखा हुआ है लेकिन उसे कबाड़ी दुकान के आड पर कोयल का कारोबार धडल से किया जा रहा है और कर्म बेड़ा 14 माइल 15 माइल इंदिरा बहेरा और पिंडरा बस्ती बड़े पैमान पर हो रही है सीसीएल सुरक्षाकर्मी चरही थाना और वन विभाग अवैध उत्खनन को बंद नहीं किया गया और इससे अपराध बाढ़ रहा है जनजीवन को क्षति पहुंची रहा है प्रशासन तक इस प्रकार की शिकायतें आने के बाद भी लीपापोती एवं दूसरे घटना बात कर निपटा दिया जाता है यदि कोयले की तस्करी करने के दौरान कई मौत घटनाएं घट चुकी है फिर भी प्रशासन गंभीर नहीं है इस तरह क कार्य से प्रशासन वन विभाग या सीसीएल अपने ड्यूटी में विफल है।

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