जैतपुर में मस्तानी महल के पास बना पाथवे धराशाई, घटिया निर्माण पर जनता का फूटा गुस्सा
महोबा l मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्टों में शामिल ऐतिहासिक मस्तानी महल के सौंदर्यीकरण कार्य में बड़ी लापरवाही और घटिया निर्माण की पोल खुल गई है। बेलाताल स्थित इस विरासत स्थल के पास यूपीपीसीएल द्वारा बनाए गए पाथवे का हिस्सा धराशाई हो गया है। यह वही पाथवे है जो 5 करोड़ 87 लाख रुपये की लागत से हुए सौंदर्यीकरण कार्यों का हिस्सा है। स्थानीय नागरिकों और क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि परियोजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और निर्माण कार्यों में न गुणवत्ता का ध्यान रखा गया, न ही सरकारी मानकों का। विशेष तौर पर जीआईसी से छै माई माता मंदिर तक की सड़क के किनारे बनाए गए फुटपाथ की इंटरलॉकिंग टाइलें कई जगह से उखड़ चुकी हैं, और पूरी सड़क जगह-जगह से क्षतिग्रस्त है।स्थानीय निवासी देवेन्द्र अरजरिया, अजय व्यास, हरि सिंह राजपूत, सुंदरलाल, नारायण, जसपाल आदि का कहना है कि जैसे ही पाथवे धराशाई हुआ, ठेकेदार ने आनन-फानन में मरम्मत का नाटक शुरू कर दिया, ताकि लापरवाही और भ्रष्टाचार पर पर्दा डाला जा सके। लोगों ने आरोप लगाया कि इस पूरी परियोजना में उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है। डॉक्टर सतीश राजपूत का कहना है कि सरकार ने सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों दिए, लेकिन नतीजा क्या निकला? दो महीने भी नहीं टिक पाया निर्माण। यह सिर्फ जनता के पैसे की बर्बादी नहीं, हमारी सांस्कृतिक धरोहर के साथ खिलवाड़ है। इस मामले में जब यूपीपीसीएल के परियोजना अधिकारी आर. के. राठौर से बात की गई, तो उन्होंने स्वीकार किया कि पाथवे के धराशाई होने की जानकारी उन्हें मिली है। उन्होंने कहा कि पाथवे की मरम्मत कराई जा रही है और जिन ठेकेदारों या कर्मचारियों की लापरवाही सामने आएगी उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी l इस प्रकरण के सामने आने के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने सरकार से उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। लोगों की मांग है कि निर्माण कार्यों की तकनीकी ऑडिट कराई जाए और दोषियों को ब्लैकलिस्ट किया जाए, ताकि भविष्य में किसी भी ड्रीम प्रोजेक्ट में ऐसी लापरवाही न दोहराई जाए