ट्रंप के मिसाइल आक्रमण से नोबेल शांति पुरस्कार पाने की सनक।
अमेरिका का ऑपरेशन मिडनाइट हैमर।
भारत का “संवाद और कूटनीति” का संदेश।
अब पूरा विश्व बारूद के ढेर पर बैठा दिखाई देता है। इजरायल-ईरान-अमेरिकी युद्ध की पुरानीं और तात्कालिक वजह जो भी हों परिणाम मानवता,मानवीय संवेदनाओं के विलुप्त होने और पृथ्वी के आग के गोले में बदलने का ही होगा। अगर इजरायल अमेरिका के मानसिक संतुलन ,सनक खोने और ईरान की परमाणु बम बनाने की जिद्द,आतंकवादियों को समर्थन देने की चाहत और किसी धर्म के प्रति बेपनाह नफरत के परिणामस्वरूप विश्व युद्ध होता है तो फिर द्वितीय विश्व युद्ध की तरह भयानक त्रासदी को झेलने के लिए मानव को फिर तैयार रहना पड़ेगा। युद्ध के परिणाम हमेशा दुखद होते हैं और मानवता के लिए हमेशा खतरनाक तथा कष्टों से भरे होते हैं। डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार सत्ता में आने के बाद अपने रौद्र रूप में आ चुके हैं, बंदर के हाथ उस्तरा आ गया है। डोनाल्ड ट्रंप पूर्ववर्ती राष्ट्रपति बराक ओबामा की बराबरी करते हुए शांति का नोबेल पुरस्कार पाने की चाहत में मानसिक संतुलन खो चुके हैं। भारत के ऑपरेशन सिंदूर से बुरी तरह हारने के बाद पाकिस्तान के तथाकथित फील्ड मार्शल असीम मुनीर को लंच के लिए बुला कर
ट्रंप ने उसके सामने रोटी के दो टुकड़े क्या डाल दिए वह अपनी नमक हलाली के बदले डोनाल्ड ट्रंप को अपनी तरफ से शांति का नोबेल पुरस्कार की सिफारिश का तोहफा देना चाहता हैं। पाकिस्तान को यह अंदाजा भी नहीं है कि पाकिस्तान की छबि पूरे विश्व में इतनी खराब हो चुकी है कि यदि नोबेल पुरस्कार ट्रंप साहब को मिल भी रहा होगा तो पाकिस्तान की अनुशंसा पर नोबेल पुरस्कार को निरस्त कर दिया जाएगा। बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तरह अमेरिका ईरान तथा इजरायल के भयानक युद्ध के बीच 22 साल बाद सीधी तरह से जंग में उतर गया है इसके पूर्व अमेरिका 2003 में ऑपरेशन इराकी फ्रीडम में युद्ध के मैदान में उतरा था। इस बार अमेरिका ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के माध्यम से ईरान पर ताबड़तोड़ हमले किए जिससे पूरा ईरान दहल गया है। इसके पूर्व इसराइल ने ईरान पर आतंकवादी संगठनों हिज्बुल मुजाहिदीन, हमास और हूती विद्रोहियों के माध्यम से 1200 निर्दोष नागरिकों की हत्या का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया है। इसराइल ने आक्रमण के बदले फिलिस्तीन, हमास, हिजबुल के संगठनों पर आक्रमण कर उन्हें नष्ट कर दिया है और कई आतंकवादी संगठनों को भी नेस्त-नाबूत कर दिया है। फिलिस्तीन ने इसराइल पर यह भी आरोप लगाया है कि उसने गाजा पर आक्रमण कर 27000 महिलाओं तथा बच्चों को निर्मम हत्या कर दी है। इसराइल और अमेरिका का आरोप है की परमाणु ईंधन संग्रहित कर उससे परमाणु बम बनकर इजरायल नाटो तथा यूरोपीय संगठनों के ऊपर आतंकवादी संगठनों के माध्यम से हमला करके पूरी यहूदी कौम को नष्ट करना चाहता है। ईरान के राष्ट्र प्रमुख आयतुल्लाह खेमनई कि यहूदी धर्म और उनके अनुयायियों के प्रति इतनी भयानक नफरत समझ से परे है और परमाणु बम बनाने की इच्छा भी इन्हीं धर्मावलंबियों को समूचा नष्ट करने का बड़ा कारण है। अमेरिका ने सीधे-सीधे जंग में उतरकर ईरान के तीन प्रमुख परमाणु संग्रहण केन्द्रों को पूरी तरह तबाह करने का प्रयास किया है। अमेरिका ने 7 B2 खतरनाक बमों से फोर्दो, नतांज, इस्फ़हान पर बंकर बस्टर बम गिरे हैं अमेरिका ने दावा किया है की ईरानी परमाणु फैसिलिटी प्रोग्राम पूरी तरह नष्ट कर दिया गया और परमाणु भंडारण ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया है। पर ईरान ने अपने आधिकारिक सूत्रों से बताया कि उन्हें कोई भारी परमाणु नुकसान नहीं हुआ है और उस थोड़ी बहुत नुकसान की मरम्मत बहुत जल्द ही कर ली जाएगी। अमेरिका के इस आक्रमण के जवाब में ईरान ने इसराइल पर 20 मिसाइलों से हमला अपने हाइपरसोनिक मिसाइल से इसराइल के सैन्य ठिकानों पर किया है और इस हाइपरसोनिक मिसाइल के ईरानी हमले से इसराइल के तेल अबीब के पास बेन गुरियन हवाई अड्डे और सैनिक ठिकाने नष्ट हुए हैं। अमेरिका ने अभी भी आरोप लगाया है कि ईरान दुनिया में आतंकवाद का पोषण करने वाला नंबर एक देश है और ईरान का भविष्य या तो शांति या त्रासदी से जुड़ा हुआ है और यदि ईरान शांति के लिए तैयार नहीं हुआ तो इसके और ठिकानों पर सटीक और गतिमान हथियारों से हमले किए जाएंगे।
अमेरिका का खतरनाक हमला।
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार अमेरिका ने ईरान पर सबसे बड़े शक्तिशाली विमानों से ईरान के तीन बड़े परमाणु ईंधन ठिकानों पर ऑपरेशन मिडनाइट हमर के अंतर्गत 7b2 विमान से रविवार के तड़के 21 जून को 30000 पाउंड वाली एक दर्जन बंकर बस्टर बम फोर्दो परमाणु संग्रहण ठिकानों पर गिराये। इसी तरह नौसेना की पनडुब्बियों ने दो महत्वपूर्ण केंद्र नतांज और इस्फहान पर 30 टॉम हॉक क्रूज मिसाइलें दागी। इसके जवाब में ईरान ने अमेरिका के मिडिल ईस्ट में सैनिक ठिकानों पर हमला तो नहीं किया पर इजरायल इसराइल पर उसके 14 शहरों में पर खैबर हाइपरसोनिक मिसाइल से बड़े हमले किए जिससे इसराइल को भारी जान माल का नुकसान हुआ है। ईरान तथा इसराइल ने अपने देश में इमरजेंसी घोषित कर दी है एवं वहां पर मीडिया को तुरंत नियंत्रण में ले लिया गया है।
यह माना जाता है कि फोर्दो ईरान का सबसे बड़ा परमाणु ईंधन संबंधित केंद्र रहा है जिसे बचाने के लिए पहाड़ के अंदर गहराई से बनाया गया है दुनिया में केवल अमेरिकी सेना के पास ही ऐसे बम है जो इसे तबाह कर सकते हैं और तबाह करने के लिए अमेरिका ने एक साथ एक ही स्थान पर कई बम बरसाए हैं। पर ईरान के सर्वोच्च नेता के सलाहकार अली समखानी ने बताया की इस परमाणु केंद्र से आक्रमण के अंदर से के कारण पूर्व से ही हटा लिया गया इस संपूर्ण रूप से खाली कर दिया गया उन्होंने कहा कि हमारा संवर्धित यूरेनियम पूरी तरह सुरक्षित है ईरानी संसद मोहम्मद मनान ने भी घोषणा की है की परमाणु सामग्री वहां पहले से ही हटाकर अन्य सुरक्षित स्थानों में संग्रहित कर दी गई है। अमेरिका ने दावा किया है कि उसके इस भयानक आक्रमण से ईरान की परमाणु बम बनाने के प्रोग्राम और परमाणु ईंधन फैसिलिटी प्रोग्राम को बहुत बड़ा धक्का लगा है एवं ईरान आने वाले 20 सालों में परमाणु बम बनाने की सोच भी नहीं सकेगा। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि यदि ईरान अभी भी हथियार नहीं डालेगा तो ईरान को इसके बहुत बुरे परिणाम झेलने होंगे।
इस तरह के युद्ध से केवल युद्धरत देश के नागरिकों आर्थिक मानसिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ता है और वैश्विक अशांति का माहौल बनता है ऐसे में पूरे विश्व को युद्ध विराम के प्रयास तेज कर देने चाहिए।