98 ए एम यू साइन करने से 2 लाख एकड़ झारखंड का जमीन उद्योग पत्तियों के हाथ में:- सीपीएम उलगुलान का सौदा मंजूर नहीं, विस्थापन आयोग बनाना होगा- सीटू

हजारीबाग

धरती आबा बिरसा मुंडा के 125 वीं शहादत दिवस के अवसर पर बस स्टैंड स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद हजारीबाग के सीपीएम कार्यालय में उलगुलान का सौदा मंजूर नहीं” विषय पर सेमिनार किया गया। इसकी अध्यक्षता ईश्वर महतो और संचालन तपेश्वर राम भुईयां ने किया। सीपीएम के जिला सचिव गणेश कुमार सीटू ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड राज्य का निर्माण हुआ और झारखंड राज्य के निर्माण के तत्काल बाद जो सरकार झारखंड में बनी। वह बिरसा मुंडा के उलगुलान का सौदा करने लगी। देखते-देखते सरकार ने 27 अगस्त 2008 तक 74 बड़े परियोजनाओं के लिए बड़े उद्योगपतियों के साथ एम ओ यू साइन कर दिया। जो बिरसा मुंडा के उलगुलान के विरुद्ध है। ऐसा एम ओ यू आज भी हो रहा है। बिरसा के शहादत के बाद सीएनटी एक्ट बना, बावजूद इसके सीएनटी एक्ट के तहत आने वाली जमीन, जंगल, जल और गैरमजरूआ जमीन की लूट आज तक की जा रही है। आज झारखंड के विकास के लिए यह जरूरी है, कि बिरसा मुंडा के उलगुलान को ताजा करते हुए, उसे गांव-गांव तक फैलाने की जरूरत है। तभी झारखंड का विकास संभव है।
झारखंड की विभिन्न सरकारें एमओयू के आधार पर आर्सेलर मित्तल कंपनी को स्टील प्लांट के लिए 25000 एकड़, टाटा स्टील को ग्रीन फील्ड परियोजना एवं जमशेदपुर प्लांट के विस्तार के लिए 30500 एकड़, भूषण स्टील के 2 परियोजनाओं के लिए 10400 एकड़ जमीन की एम ओ यू साइन किया गया। आज तक झारखंड सरकार ने कुल 98 एम ओ यू पर साइन किया है। इन तमाम एम ओ यू यदि लागू होती है, तो झारखंड की लगभग 2 लाख एकड़ जमीन उद्योगपतियों को सरकार सौंप देगी। ऐसी स्थिति में झारखंड के गांव के गांव उजड़ जाएंगे। जिससे सबसे अधिक बिरसा मुंडा के आदिवासी लोग प्रभावित होंगे, और जिस जल, जंगल, जमीन के लिए बिरसा मुंडा ने उलगुलान कर अंग्रेजों से लोहा लिया था। वह उलगुलान समाप्त हो जाएगा. आदिवासी मूलवासी दर-दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर हो जाएंगे। बिरसा मुंडा की शहादत के बाद झारखंड के आदिवासियों में अंग्रेजो के खिलाफ असंतोष काफी बढ़ गया। इस असंतोष को दबाने के लिए अंग्रेजों ने छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट 1908 बना। जिस राज्य की स्थापना बिरसा मुंडा के नाम पर और उनके जयंती पर किया गया। उसी राज्य में आदिवासियों को बेदखल करने के लिए उपरोक्त एम ओ यू साईन किया गया है।मौके पर रामचंद्र महतो, सुरेश कुमार दास, बालेश्वर कुमार दास, पूरन महतो, ननकू राम, संतोष राम, अंजू देवी, किरण देवी, मालती देवी, सहित कई अन्यमौजूदथे

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