लोनी में उपचार के नाम पर संचालित हॉस्पिटलो/ क्लिनिको में झोलाछाप डॉक्टरों का बढ़ता कहर
*लिंग परीक्षण के मामले में पकड़े जा चुके कई अल्ट्रासाउंड सेंटर
*भ्रूण हत्या जैसे घिनौने कृत्य को मिल रहा बढ़ावा
(सुशील शर्मा)
लोनी, 21 मार्च: सरकार द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दिए गए सख्त निर्देशों के बावजूद लोनी क्षेत्र में ऐसे डॉक्टरों की भरमार है जो प्राइवेट अस्पताल या अपने निजी क्लीनिक में बेखौफ प्रैक्टिस कर रहे हैं। यहां बात अवैध रूप से भ्रूण हत्या (अबॉर्शन) करने वाले क्लीनिको व नर्सिंग होम के नाम पर दुकान खोले बैठे डॉक्टरो की करें तो. क्षेत्र इससे भी अछूता नहीं है।
गौरतलब हो कि हाई कोर्ट द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं, मगर इसके बावजूद लोनी क्षेत्र में ऐसे डॉक्टरों को रोकने-टोकने वाला शायद कोई नहीं है। लगभग 17 लाख की आबादी वाले इस शहर में प्राइवेट हॉस्पिटल के अतिरिक्त अनेक कॉलोनियां ऐसी है जहां क्लीनिक या नर्सिंग होम खोलकर बैठने वाले डॉक्टर अयोग्य, गैर पंजीकृत, अप्राधिकृत या अप्रशिक्षित की श्रेणी में न आते हो। कहीं-कहीं तो ऐसे डॉक्टरों की तादाद का यह आलम है कि मानो वहा झोलाछाप डॉक्टरों की मंडी लगी हो जिनमें महिला भी पीछे नहीं है। अफसोस की बात तो यह है कि ऐसे डॉक्टरों की शिकायत कई बार की जा चुकी है जिनके गलत उपचार के चलते मरीज की मौत या उनके अंग भंग हो जाने जैसी घटनाओं ने समय-समय पर तूल न पकड़ा हो।
–हॉस्पिटलो में हुई 2 मौत के मामले ने पकड़ा था तूल
विगत दिनों लोनी के प्राइवेट हॉस्पिटलों में दो मरीजों की मौत हो गयी थी है। पीड़ित परिवारो के साथ नागरिकों ने उनके मरीज की जान चली जाने का सीधा-सीधा आरोप उक्त अस्पतालों पर लगाया था। लोगों का कहना था कि आवश्यक मानकों के बिना ही गैर कानूनी रूप से संचालित हॉस्पिटल व उनमें प्रैक्टिस कर रहे झोलाछाप डॉक्टर ऐसी घटनाओं का जीता जागता उदाहरण हैं, लोग तभी से उक्त अस्पतालों/डॉक्टरों के विरूद्ध कार्रवाई करने के साथ-साथ ऐसे तमाम प्राइवेट हॉस्पिटलों और वहां प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों की जांच पड़ताल कराने की मांग करते आ रहे है l नागरिकों का आरोप है कि इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी संबंधित अधिकारी न जाने क्यों आजतक भी इस ओर से अंजान बने बैठे हैं, हाईकोर्ट के कड़े रवैये एवं स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के बावजूद उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है जबकि सूत्र अनुसार ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ इंडियन मैडिकल कौंसिल एक्ट 1958 तथा इंडियन मेडिसिन सेंट्रल कौंसिल एक्ट 1970 तथा इंडियन पेनल कोड के तहत कार्रवाई करने का प्रावधान है।
भ्रूण हत्या/अबॉर्शन के धंधे से क्षेत्रवासी शर्मसार
क्षेत्र में समय-समय पर भ्रूण हत्या/अबॉर्शन के कई मामलों का खुलासा हो जाने के बाद इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता कि क्षेत्र में स्थित क्लीनिकों व नर्सिंग होम की आड़ में अवैध रूप से भ्रूण हत्या (एबॉर्शन) करने का धंधा चोरी छिपे न किया जाता हो। सच तो यह है कि नर्सिंग होम या क्लीनिक का शिक्षित और योग्य डॉक्टर हो या अवैध क्लीनिक का झोलाछाप डॉक्टर, दोनों ही इस कार्य में संलिप्त है और ऑपरेशन करने का गैर कानूनी धंधा चला रहे हैं जो कभी-कभी सामने वाले की मजबूरी का लाभ उठाकर उससे ऑपरेशन कराने आई महिला से मुंह मांगी रकम वसूलते हैं। क्षेत्र में ऐसे भी बहुत से डॉक्टर है जिनसे अवैध रूप से खुले क्लीनिकों पर डॉक्टर बने बैठे पुरुष व महिला कमीशन पर भ्रूण हत्या कराते है। इस धंधे में लिप्त डॉक्टर पैसा कमाने के चक्कर में लड़कियों के अवैध गर्भ को गिराने के लिए पूर्णता मदद ही नहीं करते बल्कि आगे के लिए आश्वस्त भी करते हैं जिससे यहां के अधिकांशत: अशिक्षित नव युवक, युवतियां और भटक जाते हैं। क्षेत्र में बाहर से आकर बसे गरीब तबके के अधिकांश महिलाएं ऑपरेशन के लिए ऐसे ही छोटे-छोटे क्लीनिकों पर जाती हैं जहां डॉक्टर बनी बैठी महिला ऑपरेशन के कार्य को अंजाम देकर अपनी फीस उघा लेती है। ऐसी जगह कराए गए ऑपरेशन के बहुत से मामले ऐसी जानकारी में भी आए हैं जिनके भयानक परिणाम ऑपरेशन कर्त्ताओं को भुगतने पड़े हैं या वे किसी गंभीर बीमारी की शिकार हो गई है। उक्त दोनों ही सूरतो में चर्चा आम होते हुए भी उनकी रोक-टोक के लिए किसी संबंधित अधिकारी या जनप्रतिनिधि द्वारा आजतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. यही कारण है कि इनके हौसले इतने बुलंद है l हालांकि हाल ही में खन्ना नगर में मिले भ्रूण को लेकर क्षेत्रवासीय के बीच जो उबाल है. बात उसकी करें तो मौजूदा समय में लोगों के बीच बढ़ते रोष को देखते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्र में स्थित तमाम प्राइवेट हॉस्पिटल हो या क्लीनिक उनके विरुद्ध एक अभियान के तहत कार्यवाही अमल में लाई जा रही है जो अत्यंत जरूरी है।