एक कैब चालक की गिरफ्तारी के साथ, पुलिस स्टेशन प्रीत विहार के स्टाफ ने एक शव को रहस्यमय तरीके से फेंकने से जुड़े एक मामले को सफलतापूर्वक सुलझा लिया।
अर्जुन मिश्रा क्राइम रिपोर्टर अखण्ड आवाज
23 जून 2025 को, पुलिस स्टेशन प्रीत विहार में एक पीसीआर कॉल मिली जिसमें गुफा वाला मंदिर के पास एक बेहोश आदमी के पड़े होने की बात कही गई थी। तत्काल सूचना पाकर इंस्पेक्टर अमरजीत राणा अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और पाया कि रेलवे लाइन के पास सर्विस रोड पर लगभग 30-32 साल का एक आदमी बेहोश पड़ा हुआ था। पीड़ित के पैरों, हाथों और सिर पर चोट के निशान थे और उसके नाक और मुंह से खून बह रहा था। एंबुलेंस टीम ने उसे घटनास्थल पर ही मृत घोषित कर दिया।
उसके कब्जे से बरामद मोबाइल फोन लॉक पाया गया, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल हो गया। फोन करने वाले, मंदिर के पुजारी ने बताया कि उसने वहां से गुजरते समय शव को देखा। लगातार प्रयासों के बाद मृतक की पहचान रोहन कुमार 28वर्ष पुत्र सुरेश कुमार, निवासी शालीमार गार्डन, गाजियाबाद के रूप में हुई, जो ईडीएमसी, गौतम पुरी वार्ड नंबर 5 खट्टा में संविदा पर कार्य करता था, जो सुबह अपनी ड्यूटी के लिए निकला था, लेकिन अपनी ड्यूटी पर नहीं आया। थाना प्रीत विहार में एफआईआर दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर अमरजीत राणा के नेतृत्व और तिलक चंद बिष्ट, एसीपी प्रीत विहार की देखरेख में कई समर्पित टीमों का गठन किया गया, जिसमें एसआई माया शंकर, एसआई शिवम शर्मा, हेड कांस्टेबल दलवीर, हेड कांस्टेबल राम सिंह, हेड कांस्टेबल कुलदीप, हेड कांस्टेबल लोकेंद्र, कांस्टेबल चेतन और कांस्टेबल वैभव शामिल थे। टीम ने लोनी गाजियाबाद से डंपिंग साइट तक संदिग्ध मार्ग पर 150 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का विस्तृत विश्लेषण किया। सीसीटीवी फुटेज में गाजियाबाद सीमा के पास आंशिक रूप से दिखाई देने वाली नंबर प्लेट वाली एक संदिग्ध गाड़ी दिखाई दी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स और डंप डेटा विश्लेषण की मदद से, वाहन का पता पलिया ग्रीन लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, गुरुग्राम में लगाया गया। संदिग्ध की पहचान कपिल कुमार के रूप में हुई।
लगातार पूछताछ के दौरान आरोपी कपिल कुमार ने कबूल किया। उसने बताया कि सिट्रोन सी2 कैब चलाते समय उसने अनजाने में सड़क पार कर रहे पीड़ित को टक्कर मार दी। घबराकर उसने घायल व्यक्ति को अपनी कार में बिठाया और मदद के बिना गाड़ी चलाता रहा। रास्ते में पीड़ित ने दम तोड़ दिया। डर के मारे कपिल ने शव को मंदिर के पास फेंक दिया और बाद में घटना को छिपाने के लिए कार की मरम्मत की। आगे की जांच जारी है।