ठेकेदार एवं विभागीय लापरवाही के कारण एनएच 522 सड़क बना डेंजर जोन कई दुर्घटना में दर्जनों लोगों की मौत
बालेशवर प्रसाद
हजारीबाग
हजारीबाग से बगोदर तक जाने वाली 51 किलोमीटर तक एनएच 522 पथ का रिपेयर मेंटेनेंस कार्य उच्च पथ प्रमंडल द्वारा किया गया है। जिसमें घोर अनियमितता बरती गई। इससे पूर्व तो पथ निर्माण में घटिया किस्म का हॉट मिक्स मिल से बना अलकतरा चिप्स पदार्थ को लगाया गया। जिसमें सड़क बीच-बीच में ही दर्जनों जगह फट एवं खराब हो गया था। अखबार में संज्ञान लेने के बाद इसकी मरम्मती की गई। लेकिन सड़क के किनारे जो मिट्टी मोरम भर सड़क लेबल करना है। उस मिट्टी मोरम के जगह पर ईट भट्टे की मिट्टी उठाकर डाल दिया गया है। जिसमें ईंट के टुकड़े भी हैं, और मिट्टी भी। रोलर नहीं चलने के कारण इसमें यदि किसी छोटी गाड़ी या मोटरसाइकिल का टायर पड़ता है। तो बाइक वाले लुढ़क कर गिर जाते हैं। वहीं जहां पर मिट्टी डाल दी गई है। उसमें भी रोलर नहीं चलाया गया है। तो दुर्घटना के साथ-साथ कई बड़ी गाड़ियां भी फंस गई है। उसमें जमकर लापरवाही एवं कोताही की गई है। जिससे बगोदर से हजारीबाग तक आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसकी गाड़ी थोड़ा सा भी अनियंत्रित हो जाती है। उस व्यक्ति का ऐसी दुर्घटना में जान भी जा रही है। जिसके कारण 20 दिनों में दर्जनों लोगों की जान अभी तक जा चुकी हैं। इसकी जिम्मेवारी किसकी है।म दर्जनों लोगों के परिवार बिखर गए इसकी जिम्मेवारी लेने वाला कोई नहीं है। वही ठेकेदार और विभाग कुंभकरण की नींद में आज भी सो रही है। इस संबंध में उच्च पथ प्रमंडल के सहायक अभियंता महेश कुमार से बात करने पर उन्होंने बताया कि जीरो किलोमीटर से 28 किलोमीटर तक विकास कंस्ट्रक्शन द्वारा रिपेयर मेंटेनेंस कार्य किया जाना है, और इसके बाद कार्य 23 किलोमीटर मां कौलेश्वरी कंस्ट्रक्शन चतरा के द्वारा रिपेयर मेंटेनेंस कार्य का निष्पादन करना है। जीरो किलोमीटर से 28 किलोमीटर तक का देखरेख मेरे द्वारा किया गया है। 28 किलोमीटर के बाद दीप्तिमान जी के देखरेख में काम किया गया है। ठेकेदार के द्वारा जहां-जहां जरूरत पड़े उस जगह पर मिट्टी मोरम भरकर पथ का कार्य ठीक करना था। लेकिन वर्षा होने के कारण नहीं कर पाया। वही कार्यपालक अभियंता रंजीत बरनवाल से बात करने पर उन्होंने बताया कि इस रोड का निरीक्षण मैं कल किया है जिसमें 13.5 किलो मीटर मां कौलेश्वरी कंस्ट्रक्शन चतरा को बनाना है। शेष विकास कंस्ट्रक्शन को बनाना है, और पत्र देकर ठेकेदारों को आदेश दिया है, कि मिट्टीयुक्त मोरम या स्टोन डस्ट भर दे। जिसमें मिट्टी का पानी सोख ले और सभी जगह रोलिंग करना है वर्षा बंद होने के बाद रोलिंग किया जाएगा। वही दोनों अधिकारियों से हजारीबाग से बगोदर तक सड़क रिपेयर मेंटेनेंस कार्य की प्राक्कलन राशि पूछने पर दोनों बताने से इनकार करते हुए बात को टालते रहे।